कॉर्पोरेट-सामाजिक पहल - सामाजिक परिवर्तन को बेहतर बनाने के लिए

एचडीएफसी एर्गो में हम सक्रिय रूप से बड़े पैमाने पर समाज की आर्थिक प्रगति में योगदान करते हैं. हम सामाजिक परिवर्तन को बेहतर बनाने, शिक्षा को बढ़ावा देने और स्थायित्व प्रदान करने का काम करते हैं. कस्टमर्स, बिज़नेस पार्टनर्स, री-इंश्योरर्स, शेयरहोल्डर्स, कर्मचारियों और समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए, हम अपने बिज़नेस निर्णयों में SEED के नियम यानी संवेदनशीलता, उत्कृष्टता, नैतिकता और गतिशीलता का सक्रिय रूप से पालन करते हैं. इस पहल के पीछे का एकमात्र उद्देश्य लाखों बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना और उनको शिक्षित करना है.

"गांव मेरा" प्रोग्राम (ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने की एक पहल)

CSR ऐक्टिविटी के रूप में "गांव मेरा" हमारी प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य चुनिंदा गांवों में शिक्षा और स्वच्छता की वर्तमान स्थिति में सुधार लाना है.


शिक्षा और ग्रामीण विकास


यह कहा जाता है कि स्कूल बच्चों के लिए दूसरा घर होता है. सरकार द्वारा संचालित कई स्कूलों में साफ-सफाई नहीं है, इमारतें टूटी-फूटी हैं, पानी, बिजली या शौचालय की कोई सुविधा नहीं है. कुछ सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं, जैसे पीने के लिए साफ पानी, शौचालय, लाइब्रेरी और ज़्यादातर स्कूलों में कंप्यूटर लैब की सुविधा भी नहीं है.


एचडीएफसी एर्गो के "गांव मेरा" प्रोग्राम का उद्देश्य इन कमियों को दूर करना है और स्थायी शिक्षा से जुड़ी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना है. शिक्षा के स्थायी विकास के लक्ष्य (SDG) को पूरा करने के लिए, कंपनी ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के पुनर्निर्माण के माध्यम से भौतिक संरचना को सुधारने के लिए इन्वेस्टमेंट किया है. नए बने स्कूलों का अच्छी तरह से निर्माण किया गया है और लर्निंग एड्स (BaLA के दिशानिर्देश के अनुसार) के रूप में भवन का उपयोग किया जाता है. यह एक नई सोच है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के गुणात्मक सुधार, शिक्षण के लिए बच्चों के लिए अनुकूल और मनोरंजक वातावरण का विकास करना है. इसके तहत, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि क्लासरूम में पर्याप्त रोशनी और वेंटिलेशन हो. नए बने स्कूल बेंच, डेस्क, ग्रीन बोर्ड, किचन, डाइनिंग सुविधाएं, लाइब्रेरी और कंप्यूटर रूम से सुसज्जित होते हैं.

गांव मेरा प्रोग्राम: आइए स्कूल रिडेवलपमेंट पहल पर तुरंत एक नज़र डालें

कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल
मचला चोपड़ा गांव, जलगांव, महाराष्ट्र स्थित स्कूल
कॉम-प्री
कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल
मचला चोपड़ा गांव, जलगांव, महाराष्ट्र स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल:
रमन गांव, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल:
रमन गांव, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल:
सरसाई गांव, कुल्लू जिला, हिमाचल प्रदेश स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल:
सरसाई गांव, कुल्लू जिला, हिमाचल प्रदेश स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल:
टांडिया गांव, वाराणसी, उत्तर प्रदेश स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल:
टांडिया गांव, वाराणसी, उत्तर प्रदेश स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल:
अग्रहारम, अनंतपुर, आंध्र प्रदेश स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल:
अग्रहारम, अनंतपुर, आंध्र प्रदेश स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल:
कोलाबा चोपड़ा गांव, जलगांव, महाराष्ट्र स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल:
कोलाबा चोपड़ा गांव, जलगांव, महाराष्ट्र स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल :
गादेवाड़ी, सतारा, महाराष्ट्र स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल :
गादेवाड़ी, सतारा, महाराष्ट्र स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल :
पंडियापथारा, गंजम, ओड़िशा स्थित स्कूल
कॉम-प्री
कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल :
पंडियापथारा, गंजम, ओड़िशा स्थित स्कूल
कॉम-प्री
निर्माण के पहले स्कूल :
सिंगनेरी तिरुनेलवेली, तमिलनाडु स्थित स्कूल
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कॉम-प्री
निर्माण के बाद स्कूल :
सिंगनेरी तिरुनेलवेली, तमिलनाडु स्थित स्कूल

हमारा काम: जीवन को बेहतर बनाने के लिए योगदान देना

 

हमारा प्रभाव: एक साथ मिलकर काम करना और जीवन में बेहतर बदलाव लाना

 

हमने 10 राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के लिए स्कूलों का पुनर्निर्माण किया है

अन्य पहल

 

कोविड 19 के लिए कार्य


  • बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के नायर हॉस्पिटल में N95 मास्क उपलब्ध कराए गए.

  • मुंबई पुलिस को कॉटन मास्क और सैनिटाइज़र बांटे गए.

  • दिल्ली और गुड़गांव के हॉस्पिटल में वेंटिलेटर दिए गए.

  • मुंबई में 1000 वंचित परिवारों को राशन किट वितरित किए गए, जिन्होंने कोविड 19 के कारण अपनी आजीविका खो दी थीं

  • असम में राउमरी, चिरांग जिले के 5,000 आदिवासी बच्चों को धोने वाले कॉटन मास्क दिए गए.

शिक्षा


  • स्कॉलरशिप और स्किल बिल्डिंग (कौशल निर्माण) के माध्यम से इंजीनियरिंग करने के लिए 28 महिला छात्रों की सहायता की गई, जिसने उन्हें फाइनेंशियल रूप से स्वतंत्र बनने में सक्षम बनाया.

  • कर्नाटक के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र से 10 लड़कियों की शिक्षा का खर्च उठाया गया है

  • सरस्वती एजुकेशन सोसाइटी स्कूल, माहिम की दो मंजिलों का निर्माण किया गया. इससे शिक्षा के लिए माहौल बेहतर हो गया, जिससे 1,200 से अधिक बच्चों को लाभ हुआ.

  • 3E एजुकेशन ट्रस्ट में स्कूल बस दान दी गई.

  • केरल में ज़रूरतमंद छात्रों को 451 साइकिल बांटी गई


स्वास्थ्य


  • बौद्धिक रूप से अक्षम दिव्यांग लोगों के उपचार, प्रशिक्षण और पुनर्वास का खर्चा उठाया जाएगा.

  • लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया की गंभीर बीमारी और जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों के मेडिकल ट्रीटमेंट का खर्च उठाया गया.

  • आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट और कोचलियर ट्रांसप्लांट के लिए योगदान दिया गया.

  • भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 2 साल के लिए 10,000 लड़कियों को प्रतिवर्ष सैनिटरी नैपकिन प्रदान किया गया.

  • पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए आंखों की जांच के लिए कैम्प आयोजित किया गया. मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए खर्च नहीं उठा पाने वाले लोगों को फंड प्रदान किया गया.

  • पुलवामा (जम्मू कश्मीर) के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में डायग्नोस्टिक उपकरण प्रदान करके अपग्रेड किया गया

  • महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में पानी साफ करने वाले 15 प्लांट स्थापित किए गए.

  • हाई-एंड ट्यूबरकुलोसिस डिटेक्शन और कंट्रोल उपकरण प्रदान करके मुंबई हॉस्पिटल के पैथोलॉजी लैबोरेटरी को अपग्रेड किया गया.


आपदा से राहत


  • कोल्हापुर बाढ़ में बुरी तरह प्रभावित हुए 4 गांवों में 500 परिवारों को बर्तन बांटे गए

  • हमारे ड्राउट मिटिगेशन प्रोग्राम के माध्यम से, महाराष्ट्र के बीड जिले के 14 गांवों के 3,144 से अधिक परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया गया.

  • जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के 4 गांवों को भारी ठंड के बाद सोलर लाइट प्रदान की गई.

अन्य महत्वपूर्ण पहल


  • वंचित बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया गया.

  • दिल्ली के 8 सरकारी स्कूलों में प्रदूषण से बचने के लिए 10,000 मास्क बांटे गए.

  • सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान सामुदायिक सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

  • मुंबई ट्रैफिक पुलिस को 5,000 रेनकोट बांटे गए.

  • मुंबई के 3 ट्रैफिक आइलैंड में वृक्षारोपण और सौंदर्यीकरण गतिविधि को अंजाम दिया गया.

  • पुणे में शोर और वायु प्रदूषण के लिए पर्यावरण वेधशाला स्थापित करने में पर्यावरण संरक्षण संघ की मदद की गई.

  • 750 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण.

  • मसाले की खेती और डेयरी डेवलपमेंट पर वोकेशनल ट्रेनिंग का आयोजन किया गया.



उपरोक्त गतिविधियों के अलावा हमारे कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से कुछ पहल के लिए स्वयंसेवी के रूप में योगदान दिया है.

क्वारंटीन प्रोसेस
कर्मचारियों द्वारा भोजन बांटा गया

हमारे कर्मचारियों ने स्वेच्छा से कॉस्मिक डिवाइन सोसाइटी के साथ पूरे मुंबई में वंचित बच्चों को पौष्टिक भोजन बांटा.

सेल्फ-इन्सोलेशन
नेत्र स्वास्थ्य शिविर में कर्मचारियों ने भाग लिया

चेन्नई, दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, बैंगलोर और चंडीगढ़ में आयोजित नेत्र स्वास्थ्य शिविर में कर्मचारियों ने स्वयंसेवी के रूप में काम किया. नेत्र स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीण लोगों में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबेटिक रेटिनोपैथी, रेटिनल डिसऑर्डर और अन्य आंखों की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाया गया.


सोशल डिस्टेंसिंग
कर्मचारियों ने स्वयंसेवी के रूप में श्रमदान दिया

एचडीएफसी एर्गो के कर्मचारियों ने पुणे के गराड़े गांव में वॉटर-शेड बनाने के लिए पानी फाउंडेशन और HT पारेख फाउंडेशन के साथ स्वयंसेवी के रूप में काम किया. यहां 03 कंपार्टमेंट बंड बनाए, जिनमें एक समय में लगभग 30,000 लीटर पानी भरा जा सकता है और 1,45,000 लीटर तक पानी रखने की क्षमता है.


हमारे CSR पार्टनर के बारे में तुरंत जानें

चैरिटीज़ एड फाउंडेशन (CAF) इंडिया
चैरिटीज़ एड फाउंडेशन (CAF) इंडिया एक नॉन-प्रोफिट रजिस्टर्ड चैरिटेबल ट्रस्ट है, जिसकी स्थापना 1998 में हुई थी. यह ट्रस्ट कॉर्पोरेट, लोगों और NGO को रणनीतिक और प्रबंधन सहायता प्रदान करने के लिए, अपने परोपकारी और CSR इन्वेस्टमेंट के अधिक प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया है. CAF इंडिया नौ देशों में स्थित ऑफिस के साथ अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा है. इसके ऑफिस ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित हैं. यह दुनिया भर के 90 से अधिक देशों में फंड प्रदान करता है. CAF इंडिया, विशेषज्ञों की अपनी समर्पित टीम के साथ, डेवलपमेंट सेक्टर की जानकारियां और अनुभव को आगे बढ़ाने का काम करता है.
युवा अनस्टॉपेबल
"युवा अनस्टॉपेबल" एक नॉन-प्रोफिट रजिस्टर्ड संस्थान है, जिसका उद्देश्य गरीब बच्चों के जीवन में सुधार लाना है. 100 टॉप कॉर्पोरेट पार्टनर के साथ काम करते हुए यह संस्थान बच्चों को बेहतर बनने, खुश रहने के लिए प्रेरित करने और छोटी से छोटी चीज़ों के बारे में जागरूक रहने के लिए प्रेरित करता है. अमिताभ शाह द्वारा वर्ष 2005 में सह-स्थापित, "युवा अनस्टॉपेबल" को ऐसे व्यक्तियों के एक ग्रुप द्वारा बीस साल पहले शुरू किया था, जो दुनिया में दया की भावना को बढ़ावा देना चाहते थे. 1.5 लाख युवा एम्बेसडर्स, चेंज मेकर्स और योग्य वॉलंटीयर्स को एकजुट करने के साथ-साथ, इसने आज देश के लगभग 14 राज्यों के 1500 सरकारी स्कूलों में 6 लाख से अधिक बच्चों को प्रभावित करने का काम किया है.
विज़न फाउंडेशन ऑफ इंडिया
डॉ. कुलीन कोठारी ने वर्ष 1994 में भारत को अंधेपन से मुक्त बनाने की भावना से प्रेरित होकर विजन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (VFI) की स्थापना की. संस्थान ने अंधेपन को दूर करने के लिए मई 2020 तक 4,87,537 सर्जरी में अपना योगदान दिया है. उस समय से VFI, भारत के सभी हिस्सों में रहने वाले निराश्रितों, विशेष रूप से समाज के हाशिए के लोगों के उपचार को सक्षम बनाने का काम कर रहा है. विज़न फाउंडेशन ऑफ इंडिया नए उपकरणों और इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से लोगों को मुफ्त में आंखों की जांच कराने की सुविधा प्रदान करता है. इस संस्थान का मानना है कि कि पैसे की कमी की वजह से किसी व्यक्ति की आंखों की रोशनी कमजोर या खत्म नहीं होनी चाहिए.
ADHAR - मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के माता-पिता का संघ
ADHAR मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के माता-पिता का एक संघ है, जो ऐसे विशेष बच्चों के माता-पिता को लाइफटाइम केयर, रिहेबिलिटेशन और रेजिडेंशियल इंस्टिट्यूट के माध्यम से सहायता देकर फिजिकल, साइकोलॉजिकल और फाइनेंशियल सहायता प्रदान करता है. वर्ष 1990 में विशेष वयस्कों के लगभग 25 माता-पिता स्वर्गीय श्री M.G गौड़ के नेतृत्व में एक साथ आए और अपने बच्चों से जुड़ी चिंताओं के स्थायी समाधान के लिए कोशिश करने लगे. आज वे साइकियाट्रिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, मेडिकल ऑफिसर, सोशल वर्कर्स, स्पेशल टीचर्स और केयर टेकर्स जैसे स्पेशलिस्ट की मदद से 325 विशेष वयस्कों की सहायता करते हैं.
जेनेसिस फाउंडेशन
Genesis Foundation (GF) is a not for profit organization, which was founded with a simple thought that no child should die due to lack of funds for treatment. GF facilitates medical treatment for critically ill under-privileged children suffering from CHD. The support required includes specific surgeries (including neonatal), Cath Lab interventions, recovery and recuperation post-surgery. The children supported by the foundation belong to families with an income of up to ₹10,000 per month. GF is registered under Section 12-A and Section 80-G of the Income Tax Act with PAN No. AAATG5176H. It is also registered under the Foreign Contribution Regulation Act, 1976 (FCRA) with registration no. 172270037 for accepting overseas donations.
लीला पूनावाला फाउंडेशन
लीला पूनावाला फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 1995 में सोशल और फाइनेंशियल रूप से वंचित महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए की गई थी. यह महिलाओं को प्रोफेशनल डिग्री पाने में मदद करता है, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें. यहां गुणवत्ता शिक्षा और लैंगिक समानता के लिए सतत विकास लक्ष्य में योगदान दिया जाता है. स्थापना के बाद, इस फाउंडेशन ने अभी तक लगभग ₹78 करोड़ की स्कॉलरशिप के साथ 8500 से अधिक लड़कियों को सहायता प्रदान की है. यह फाउंडेशन स्कूली शिक्षा, स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए आवश्यकता और योग्यता के आधार पर गरीब घर की लड़कियों को स्कॉलरशिप प्रदान करता है. यह फाउंडेशन पुणे, अमरावती, वर्धा और नागपुर में पढ़ रहे छात्रों को सहायता प्रदान करता है.
रे ऑफ लाइट फाउंडेशन
रे ऑफ लाइट फाउंडेशन की स्थापना 2002 में हुई थी. इसका उद्देश्य प्रोग्राम के तहत बच्चों को गोद लेना और उन्हें जीवित रहने की उत्तम संभावना प्रदान करने के लिए उपचार प्रदान करना है. रे ऑफ लाइट फाउंडेशन, इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 12AA के तहत पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में रजिस्टर्ड है.
सोसाइटी फॉर रिहेबिलिटेशन ऑफ क्रिपल्ड चिल्ड्रन (SRCC)
SRCC हॉस्पिटल मुंबई में स्थित है और इसका प्रबंधन पिछले ढाई वर्षों से नारायण हेल्थ द्वारा किया जा रहा है. SRCC बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, 1950 के तहत एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में रजिस्टर्ड है. वर्ष 1947 में इसे उत्साही वॉलंटीयर्स के एक ग्रुप ने एक साथ मिलकर, पोलियोमायलाइटिस से प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए, डॉक्टर के वेटिंग रूम में छोटे से क्लीनिक के रूप में शुरू की थी. SRCC का उद्देश्य क्लीनिक या हॉस्पिटल जैसी उचित मेडिकल सुविधा द्वारा बच्चों की देखभाल के लिए डायग्नोसिस और उपचार की व्यवस्था करना है. SRCC लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ, उन्हें आशा और खुशहाली प्रदान कर रहा है. इनके बाल विकास केंद्र से एक लाख से अधिक बच्चों की मदद की गई है.
CSC अकेडमी
CSC अकेडमी, सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के तहत एक सोसाइटी है, जो दिल्ली संघ के लिए लागू है. इनका उद्देश्य ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के लिए क्षमता, कौशल निर्माण, शिक्षा और विकास को बढ़ावा देना है. कॉमन सर्विसेज़ सेंटर के अन्य स्टेकहोल्डर्स, इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, डिलीवरी फ्रेमवर्क और एजुकेशन के व्यापक उपयोग के माध्यम से लाभ उठाने का काम करते हैं. ये विशेष कोर्स/ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रदान करने का काम करते हैं. CSC पूरे भारत में शिक्षार्थियों के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ई-लर्निंग के अवसर सुनिश्चित करने के लिए, ऑनलाइन लर्निंग को विकसित करता है, उसे बनाए रखता है और सहायता करता है.
कॉस्मिक डिवाइन सोसाइटी
कॉस्मिक डिवाइन सोसाइटी एक रजिस्टर्ड वेलफेयर सोसाइटी है, जिसे भोजन के लिए संघर्ष करने वाले बच्चों को बचाने के लिए एक मिशन के साथ शुरू किया गया था. समाज में बड़ा बदलाव लाने और भारत से "भूख के संघर्ष को खत्म करने" के लिए, यह सोसाइटी सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से निरंतर प्रयास कर रही है. सोसाइटी यह सुनिश्चित करती है कि बच्चों के लिए तैयार किया गया मिड-डे मील पौष्टिक हो और बिना किसी बाधा के, प्रत्येक दिन नियमित रूप से, अपने मोबाइल फूड वैन के माध्यम से बच्चों के घर तक पहुंचाया जाए.

 

टेस्टीमोनियल

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अतुल गुजराती, मुख्य अधिकारी, मोटर क्लेम
"गांव मेरा" प्रोग्राम के तहत, मैंने कोलांबा और मचला गांव, जलगांव, MH को नामांकित किया. एचडीएफसी एर्गो द्वारा स्कूलों के समर्पित रिडेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए धन्यवाद, जिसकी वजह से चीज़ें बेहतर हुई हैं. मेरे लिए यह ग्राम विकास और राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ा योगदान है.
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नीलांचल गौड़ा, सरपंच- पंडियापथारा गंजम, ओड़िशा
मैं एचडीएफसी एर्गो और स्कूल के निर्माण में जुड़े सदस्यों को धन्यवाद कहना चाहूंगा. ग्रामवासियों की ओर से, मैं अपनी कृतज्ञता और आभार प्रदान करता हूं.
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बयामाना पांडा, प्रधानाध्यापक , जय दुर्गा स्कूल, ओड़िशा
मैं पंडियापथारा में अपने स्कूल को दोबारा बनाने के लिए एचडीएफसी एर्गो के प्रति अपना गहरा आभार व्यक्त करता हूं. एचडीएफसी एर्गो द्वारा "गांव मेरा" स्कूल पुनर्निर्माण कार्यक्रम के तहत किए गए इस नए निर्माण ने शहरी और ग्रामीण के साथ-साथ अमीर और गरीब छात्रों की सोच के बीच के अंतर को भी कम कर दिया है.
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अशोक आचारी, प्रबंधक, रिटेल ऑपरेशन्स, मुंबई
मेरे गांव पंडियापथारा में CSR के 'गांव मेरा' पहल की शुरुआत फरवरी 2020 को शुरू हुई, जिसका गांव के लोगों पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ा. मैं अपने गांव में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एचडीएफसी एर्गो टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं.
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पीयूष सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक - ग्रामीण और कृषि व्यवसाय, लखनऊ
'गांव मेरा' पहल के तहत मैंने उत्तर प्रदेश के वाराणसी के अपने गांव टांडिया को नामांकित किया और एचडीएफसी एर्गो ने मेरे नामांकन पर विचार किया और मेरे गांव के प्राथमिक स्कूल के पुनर्निमाण का काम शुरू किया. मुझे हमारे प्राथमिक स्कूल के पुनर्निर्माण में भाग लेकर बहुत संतुष्टि और प्रसन्नता हो रही है.
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राघवेंद्र के, असिस्टेंट मैनेजर - कॉर्पोरेट क्लेम्स, बेंगलुरु
'गांव मेरा' पहल एक सही तरीका था, जिससे मैं अपने जन्मस्थान अग्रहारम, अनंतपुर, आंध्र प्रदेश के लिए कुछ सार्थक कर सका. इस प्रोग्राम के अंतर्गत एक स्कूल को दोबारा बनाया जाता है, जो दिखने में नया जैसा लगता है.

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