भारत में मोटर बीमा के प्रकार
भारत में मोटर बीमा के प्रकार
आधुनिक समय में निर्माण और टेलिकम्यूनिकेशन तकनीक को छोड़कर कोई भी तकनीक मानव विकास पर उतना प्रभाव नहीं छोड़ पायी है जितना परिवहन तकनीक ने छोड़ा है। उन्नीसवीं शताब्दी की धीमी शुरुआत से लेकर बीसवीं सदी के वैश्विक विस्तार तक मोटर वाहन क्षेत्र में तेज़ी से विकास एवं परिवर्तन दोनों देखे गए हैं। दोपहिया स्कूटर, थ्री व्हीलर्स, निजी कारें, व्यवसायिक वाहन आदि की संख्या आज विश्व में इतनी अधिक हो गई है कोई भी अपनी जिंदगी के बारे में बिना किसी वाहन के सोच भी नहीं सकता है।
कहीं भी आने-जाने के लिए किसी न किसी वाहन का प्रयोग करना न केवल हमारी जिंदगी का हिस्सा है बल्कि हमारी दिनचर्या बन गया है। जहां एक ओर ये वाहन आने-जाने के लिए ज़रूरी हैं वहीं यह हमारे सामने कुछ खतरे जो शारीरिक और धन संबंधी भी हो सकते हैं, का भी कारण बन जाते हैं। इसलिए किसी भी वाहन के दुर्घटना जिसमें वाहन को होने वाला नुकसान या तीसरे पक्ष की देयता आदि जरूरतें हो जाती हैं, के संबंध में सुरक्षा एक बहुत बड़ी ज़रूरत बन गई है। एक अच्छा वाहन बीमा आपके न केवल धन की सुरक्षा करने में सहायता करेगा बल्कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं में आपको जरूरी सुरक्षा भी प्रदान करेगा। एक व्यापक मोटर बीमा योजना आपको वाहन का नुकसान होने की स्थिति में वित्तीय देयता से सुरक्षा प्रदान करती है ।
यदि ठीक तरह से सुरक्षा न ली जाये तो वाहन के मालिक किसी विपरीत स्थिति में स्वयं को किसी बड़ी वित्तीय परेशानी में भी घिरा हुआ पा सकते हैं। तो आईये जानते है की मोटर बीमा ऐसी स्थिति में क्या मदद कर सकता है? दरअसल मोटर बीमा, मानवीय या प्राकृतिक कारण से वाहन या इसके किसी भाग को होने वाले नुकसान की सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यह वाहन को चलाते समय होने वाली दुर्घटना होने पर व्यक्ति और साथ चल रहे यात्रियों को होने वाले नुकसान के साथ ही भरपाई के साथ- साथ तीसरे पक्ष को होने वाले नुसकासन से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
मोटर बीमा बहुत सारी परेशानियों का सही जवाब हो सकता है। मोटर बीमा, कार, ट्रक, मोटरसाइकल और सड़क पर चलने वाले दूसरे वाहन आदि के लिए लिया जा सकता है। मोटर बीमा से वाहन के मालिक को निम्न से सुरक्षा देता है:
उसके अपने वाहन को हुए नुकसान से
किसी तीसरे पक्ष देयता से
कार में चलने के समय होने वाली दुर्घटना होने पर कार के चालक और यात्रियों को सुरक्षा;
भारत में तीसरी पक्ष देयता एक वैधानिक अनिवार्यता है। इस संबंध में सार्वजनिक स्थान पर यदि वाहन के प्रयोग करने पर यदि दुर्घटना हो जाती है तब इस कारण किसी अन्य वाहन को या व्यक्ति को नुकसान पहुँचने की स्थिति में उसकी भरपाई करने की ज़िम्मेदारी वाहन के मालिक की होती है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार प्रत्येक वाहन चालक को सार्वजनिक स्थल में वाहन चलाने से पहले मोटर बीमा का होना नितांत आवश्यक है नहीं तो इसमें दंड का भी प्रावधान किया गया है।
भारत में मिलने वाले मोटर बीमा से मिलने वाली सुरक्षा को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है:
निजी कार बीमा – कोई भी कार खरीदते समय एक अच्छा कार बीमा का लिया जाना सबसे पहला काम होना चाहिए। इससे विभिन्न प्रकार की होने वाली दुर्घटनाओं से वित्तीय सुरक्षा मिलती है। चाहे वह कोई प्रकृतिक दुर्घटना जैसे भूकंप या बाढ़ हो, या कोई आपकी कार को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचा दे या चुरा ले, कार बीमा इन सब नुक़सानों की भरपाई करने में समर्थ होता है। तीसरे पक्ष की देयता की अनिवार्यता के साथ होने के कारण यदि दुर्घटना में किसी तीसरे व्यक्ति या संपत्ति को आपके वाहन के कारण कोई हानि हो जाती है तब इसके दावे के माध्यम से सुरक्षा की जा सकती है। तीसरे पक्ष की देयता की अनिवार्यता होने के कारण, वाहन के कारण किसी अन्य व्यक्ति की जिंदगी या संपत्ति का नुकसान होने की स्थिति में वाहन के मालिक को वित्तीय सुरक्षा की निश्चिंतता होती है। मोटर वाहन बीमा में आप अपने साधारण बीमा के साथ ही कुछ और अधिक सुरक्षा के लिए एड-ऑन जैसे ज़ीरो डेपरिसिएशन, इंजिन और गियर बॉक्स सुरक्षा, आपातकालीन सहायता, कंज़्यूमेबल खर्चे भी शामिल कर सकते हैं।
कमर्शियल वाहन बीमा - व्यवसाय की निरंतर गति बनाए रखने के लिए व्यवसायी के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपने वाहन का बीमा अवश्य करवा लें। सामान्य बीमा देने वाली बीमा कंपनियाँ कमर्शियल वाहन बीमा के लिए पैकेज बीमा प्रदान करती हैं जिसमें वाहन के कभी दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में व्यवसाय की उस नुकसान से बचाया जा सके और वाहन के द्वारा दुर्घटना होने पर यदि व्यक्ति की जिंदगी का या यदि संपत्ति का कोई नुकसान होता है तब तीसरे पक्ष के लिए वैधानिक देयता उत्पन्न होने पर सुरक्षा प्रदान करती हैं। यह बीमा हर प्रकार के व्यावसायिक बीमा जैसे ट्रक, निजी और सार्वजनिक कैरियर, ट्रेलर, टैक्सी, थ्री व्हीलर ऑटो या कृषि कार्यों में इस्तेमाल होने वाले सभी वाहन जैसे ट्रेक्टर, खुदाई करने वाले या किसी भी रूप में काम आने वाले वाहन के लिए उपलब्ध होता है।
साधारण मोटर बीमा सुरक्षा में शामिल होता है:
दुर्घटना, आग लगना, बिजली गिरना, अपने आप आग लगना, बाहरी विस्फोट, डाका पड़ना, घर में चोरी होना या जानबूझकर नुकसान पहुंचाना।
अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान के द्वारा बिजली के उपकरणों के द्वारा होने वाले नुकसान से भी सुरक्षा मिल सकती है।
मोटर बीमा योजना और इसके लाभों के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें ।